जब सपना टूट कोई जाता है, दुःख होता है.
जब अपना रूठ कोई जाता है ,दुःख होता है.
कितनी मेहनत से पलते-बढ़ते पौधे
विरवा सूख जब जाता है,दुःख होता है.
विश्वासों से बने दिलों के मंदिर में
बोला झूठ जब जाता है,दुःख होता है
जीवन की उतरती साँझ में जीवन-साथी का
साथ छूट जब जाता है,दुःख होता है.
सपनों के पावन अनमोल खजाने को
गैर लूट जब जाता है,दुःख होता है.
जब अपना रूठ कोई जाता है ,दुःख होता है.
कितनी मेहनत से पलते-बढ़ते पौधे
विरवा सूख जब जाता है,दुःख होता है.
विश्वासों से बने दिलों के मंदिर में
बोला झूठ जब जाता है,दुःख होता है
जीवन की उतरती साँझ में जीवन-साथी का
साथ छूट जब जाता है,दुःख होता है.
सपनों के पावन अनमोल खजाने को
गैर लूट जब जाता है,दुःख होता है.
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