सभी जानते फ़ास्ट फ़ूड ये
भिन्न भिन्न रोग लगाते हैं
फिर भी आज के बच्चों को
बर्गर पिज़्ज़ा ही भाते हैं।
नूडल , चाउमिन और पास्ता
का तो इनको क्रेज़ है।
हरी सब्जियों से इनको
न जाने क्यों परहेज है।
दाल और फुल्का देख के अक्सर
बड़े भी मुंह बिचकाते हैं।
पता नहीं बच्चों को पिज़्जा
बर्गर ही क्यों भाते हैं।
चिप्स, कुरकुरे और कोल्ड्रिंक
के सारे दीवाने हैं
भुने चने और सत्तू , लस्सी
लगते इन्हें पुराने हैं।
इनमें छुपा है पोषण कितना
आओ तुम्हें बताते हैं।
तंदरुस्ती है बड़ी नियामत
बार बार समझाते हैं।
रही सही जो कसर थी सब
मैगी ने पूरी कर दी है।
रोज़ के विज्ञापन ने माओं
में भी सुस्ती भर दी है।
बस दो मिनट के चक्कर में ही
घण्टे गुज़रते जाते हैं।
पता नहीं बच्चों को यह सब
खाने ही क्यों भाते हैं।
खुद को क़ायम रखना है तो
मेरी बातें सुन लो तुम
फ़ास्ट फूड या अच्छी सेहत
इनमें से इक चुन लो तुम।
चाइनीज़ खाना unhealthy है
डॉक्टर सभी बताते हैं।
फिर भी बच्चों को पिज़्जा
बर्गर , नूडल ही भाते हैं।
अंकुरित दालें , अनाज अब
अपने भोजन में जोड़ो ।
मैक्रोनी और नूडल्स-चाउमिन
से अपना अब मुंह मोड़ो।
इनका सेवन करने वाले
अपनी सेहत गंवाते हैं।
तंदरुस्ती है बड़ी नियामत
बार बार समझाते हैं।
दूध-दही, मक्खन और लस्सी
इनका कोई नहीं सानी।
इनके आगे कोक-पेप्सी
लिम्का-थम्सअप बेमानी।
शर्बत और शिकंजवी के तो
सारे ही गुण गाते हैं।
तभी तो जग में दोनों
अपना लोहा भी मनवाते हैं।
सब मिल इतना ध्यान करें कि
कोई भी आयोजन हो।
उसमें केवल पोषक तत्वों वाला
ही बस भोजन हो।
पौष्टिक आहार हो सबका
यह अभियान चलाते हैं।
आओ सब मिल अपना भारत
हम तन्दरुस्त बनाते हैं।
डॉ. पूनम गुप्त
पटियाला (पंजाब)